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उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती

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    लखनऊ. यूपी पुलिस (UP Police) व्‍यवस्‍था में जो बदलाव बरसों से नहीं हो सके उसे प्रदेश सरकार ने मात्र साढ़े 4 सालों में करके दिखा दिया। प्रदेश की महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ (Pink Booth) और पुलिस लाइन स्थित खस्‍ताहाल भवनों का नवीनीकरण कर पुलिस कर्मियों को नए आवास दिए गए हैं। सरकार ने यूपी (UP) के कई शहरों में कमिश्‍नरेट सिस्‍टम (Commissionerate System) लागू कर पुलिसिंग को नई दिशा दी है। राज्य में यूपी पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का गठन किया गया और पुलिस रिफार्म के लिए बेहतर कदम उठाए गए। 

    साढ़े 4 सालों में प्रदेश सरकार ने पुलिस का चेहरा ही बदल कर रख दिया। सरकार ने संकल्‍प पत्र में यूपी पुलिस को आधुनिक बनाने के जो वादे किए उससे अधिक करके दिखाया। 

    यूपी पुलिस को किया गया अत्‍याधुनिक वाहनों और हथियारों से लैस

    यूपी पुलिस को मॉडर्न पुलिस बनाने के लिए उनको अत्‍याधुनिक वाहनों और हथियारों से लैस किया। साथ ही 18 नई विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कराया।  इसके साथ ही उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॅारेंसिक साइंसेज का निर्माण भी लखनऊ में शुरू हो चुका है। जिससे जटिल अपराधों की जांच आसानी से हो सकेगी।  पॉक्सो एक्ट में त्वरित न्याय दिलाने के लिए 218 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया। पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में एफआईआर काउन्टर स्थापित किए।  महिलाओं की सुरक्षा के लिए वूमेन पावर लाइन-1090 चलाई गई। 

    पुलिस विभाग में हुई रिकार्ड भर्ती 

    कानून व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में 214 नए थानों की स्‍थापना की गई। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के द्वारा 1 लाख 43 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती और 76 हजार से अधिक अराजपत्रित पुलिसकर्मियों की पदोन्नति की गई। महिलाओं के लिए प्रदेश के सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। यूपी-112 हेल्पलाइन से 6 लाख 46 हजार जरूरतमंद को मदद दिलाई। इसके अलावा ‘सवेरा’ कार्यक्रम में 7 लाख 33 हजार 770 लाख बुजुर्ग पंजीकृत किए गए हैं।