कोरोना में दो साल बिताने के बाद 2022 के लिए बदल सकते हैं लोगों के संकल्प

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    मेलबर्न: नव वर्ष की शुरुआत में, हरेक व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कुछ करने या न करने का संकल्प लेता है। नए साल की नई शुरुआत जादुई रूप से जीवन को एक नई आस देती है और यह नयी उम्मीद भी होती है कि इस साल चीजें बेहतर होंगी। करीब दो साल कोविड-19 वैश्विक महामारी के साए में गुजराने के बाद 2022 की शुरुआत से पूर्व, उम्मीदें पहले से कहीं अधिक हैं। वैश्विक महामारी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के साथ ही…

    इससे रोजगार, आय, यात्रा, अवकाश और सामाजिककरण की क्षमताओं में भी काफी बदलाव आया है। हालांकि, हरेक की जिंदगी पर यह प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि उनका जीवन पहले कैसा था और व्यक्तिगत रूप से परिस्थितियों ने उन्हें कितना प्रभावित किया। सहकर्मियों और मरीजों के साथ चर्चा के आधार पर, हमें कुछ ऐसे संकल्प नजर आ सकते हैं, जो निजी नुकसान, अपराधबोध और क्रोध से प्रेरित हों, साथ ही खुद में सुधार लाने या बड़े स्तर पर कोई बदलाव लाने जैसे संकल्प भी लिए जा सकते हैं।

    मजबूत या दृढ़ चरित्र…

    हम वैश्विक महामारी के प्रभाव का कैसे सामना करते हैं….. यह काफी हद तक हमारे चरित्र, प्रतिकूल परिस्थितियों, आघात, त्रासदी, खतरों या तनाव जैसे स्रोतों का सामना करने की क्षमताओं पर निर्भर करता है। इसमें खराब स्थितियों से खुद को निकालना और निजी तौर अपने चरित्र का विकास करना शामिल है।

    कोविड-19 के कारण अपने प्रियजनों को खो चुके लोग नए साल में कई तरह के संकल्प लेकर इनसे उबर सकते हैं, लेकिन कई बार वे नकारात्मक रूप भी धारण कर सकते हैं। सकारात्मक संकल्प किसी भी तरह से, मृतक का सम्मान करने या अच्छी तरह से जीवन जीने से जुड़े हो सकते हैं। धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीने आदि खराब स्वास्थ्य आदतों को बदलने जैसे शक्तिशाली, प्रेरक संकल्प भी लिए जा सकते हैं। वहीं, नकारात्मक संकल्प, अक्सर क्रोध और निराशा की भावनाओं से प्रेरित होते हैं, बदला लेने या उन लोगों को दंडित करने की प्रतिज्ञा हो सकती है, जो उन्हें उनके प्रियजनों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार लगते हों।

    निजी तौर पर चरित्र का निर्माण..

    चूंकि इस वायरस ने स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम उत्पन्न किया है, इसलिए नव वर्ष पर खुद को पहले से कहीं अधिक स्वस्थ एवं बेहतर बनाने का संकल्प काफी सही साबित हो सकता है। धूम्रपान छोड़ना नए साल पर किया जाने वाला बहुत ही सामान्य संकल्प है और यह वैश्विक महामारी के दौरान अधिक समझदारी भरा भी लगता है, क्योंकि इस संक्रमण से श्वसन प्रणाली सबसे अधिक प्रभावित होती दिखी है।

    वैश्चिक महामारी ने बदलाव की इच्छा को और मजबूत बना दिया है, हालांकि इससे संकल्पों को पूरा करना आसान नहीं हो गया है। शराब या अन्य मादक पदार्थों का उपयोग ना करने के संकल्प को पूरा करने के लिए एक योजना और पेशेवर मदद जरूरी है। वजन कम करना भी नए साल का एक और पसंदीदा संकल्प है। प्रसिद्ध ‘कोविड किलो’ निस्संदेह 2022 में वजन कम करने का संकल्प लेने के लिए लोगों को काफी अधिक प्रेरित करेगा। लेकिन ‘क्रैश डाइट’ आम हैं और अक्सर फरवरी तक ही लोग इस संकल्प पर कायम रह पाते हैं। संकल्प के साथ सावधानीपूर्वक खान-पान और व्यायाम योजना से इसके सफल होने की संभावना अधिक होगी।

    बड़े बदलाव …

    कोविड-19 के कारण लोगों के सामान्य संकल्प लेने की अधिक संभावना है। हालांकि, समग्र ‘‘जीवनशैली में परिवर्तन” के लिए संकल्पों के भी व्यापक होने की संभावना है। यात्रा प्रतिबंध, घर पर ही काम या पढ़ाई होने से और सामाजिक तौर पर कम सक्रिय होने के कारण पिछले दो साल में कई लोगों का निजी और पेशेवर जिंदगी को लेकर रवैया बदला है। हमारे जीवन जीने के तरीके में इस बेहद महत्वपूर्ण बदलाव ने कई लोगों को अपने भविष्य को लेकर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है। कई लोगों ने परिवार के साथ समय बिताने में बहुत आनंद पाया है और अब अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी में संतुलन पर पुनर्विचार कर रहे हैं। 

    यह पता चलने के बाद, कि घर से काम करना काफी हद तक संभव है, कई लोग 2022 में अपने करियर के विकल्पों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित हुए हैं। कुछ विशेषज्ञों को वैश्विक महामारी के बाद बड़ी संख्या में लोगों के इस्तीफा देने की आशंका है, जिसमें लाखों लोग, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कार्यकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ अधिकारी हो सकते हैं।

    ‘माइक्रोसॉफ्ट’ के हालिया अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर करीब 40 प्रतिशत से अधिक लोग नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के विभिन्न उद्योगों से जुड़े लोगों के भी ऐसी ही सोच रखने की आशंका है। ऑस्ट्रेलिया में, यह प्रवृत्ति स्पष्ट नहीं है, लेकिन फिर भी, 2022 और उसके बाद अलग तरह की नौकरी या पेशे से जुड़ना नव वर्ष का एक संकल्प हो सकता है।

    2020 की दो राह…

    कोविड-19 ने हममें से अधिकतर लोगों को काफी प्रभावित किया और भविष्य को लेकर को लेकर चिंतित बना दिया है। कई लोगों का मानना था कि 2020 में वैश्विक महामारी खत्म हो जाएगी, लेकिन 2021 में संक्रमण के मामले और बढ़े, जिसके बाद लॉकडाउन लगा और प्रतिबंध लगाए गए।

    आघात के समय में, जब भविष्य अनिश्चित होता है, तो ऐसे में व्यवहार का ध्रुवीकरण हो सकता है। कुछ लोग अधिक जोखिम लेने के साथ केवल वर्तमान में जीने की सोच अपना लेते हैं। वहीं कुछ अन्य लोग इससे विपरीत रवैया अपनाते हैं और अत्यधिक सावधानी बरतते हैं और अपने अस्तित्व को बेहद सीमित कर लेते हैं। दोनों ही तरह के लोगों को अपने दृष्टिकोण के अनुरूप नव वर्ष के लिए सोच-समझकर कोई संकल्प करना चाहिए।