इम्तियाज जलील
इम्तियाज जलील

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    औरंगाबाद : देश भर के कर्ज दाताओं (Loan Givers) पर आरबीआई (RBI) द्वारा होम, वाहन और अन्य लोन का रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ाकर किस तरह आम आदमी को परेशान किया जा रहा है। इस पर औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiyaz Jaleel) ने लोकसभा (Lok Sabha) में संसद सत्र (Parliament Session) के दौरान आंकड़ों के साथ जानकारी पेश करते हुए केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज पर कई सवाल उठाए। उन्होंने गत 8 महीने में आरबीआई द्वारा 6 बार बढ़ाए गए रेपो रेट पर चिंता जताते हुए आम आदमी को कर्ज का ईएमआई भरने के लिए आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालकर रेपो रेट बढ़ाने का विरोध किया। 

    31 जनवरी से शुरु हुए संसद के बजट सत्र के दरमियान गुरुवार को सांसद जलील ने आरबीआई द्वारा बुधवार को रेपो रेट 25 प्रतिशत बेसिक बढ़ाने को लेकर चिंता जताते हुए बताया कि 4 मई 2022 को रेपो रेट 4.40 प्रतिशत था। गत 8 महीने में 6 बार रेपो रेट बढ़ाने से आज वह 6.50 प्रतिशत पर पहुंचा है। सांसद जलील ने रेपो रेट 2.25 प्रतिशत बढ़ने से देश के कर्जदाताओं को कर्ज फेडने को लेकर बढ़ने वाली समयावधि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अगर कोई व्यक्ति 20 साल के लिए कर्ज लेता है तो उसे 120 महिने के बजाए 160 महीने तक कर्ज चुकाना होगा। वहीं, अगर कोई व्यक्ति 25 साल के लिए कर्ज लेता है तो उसे 300 माह के बजाए और अधिक 199 महीने तक कर्ज फेडना होगा। 

    कर में छुट पर सांसद जलील ने उठाए सवाल 

    एक तरफ केंद्र सरकार 7 लाख रुपए तक के इनकम को टैक्स छुट देती है। सरकारी कर्मचारियों को बजट में टैक्स पर कई छुट देने का निर्णय लेती हैं। वहीं, दूसरी तरफ रेपो रेट बढ़ाकर कर्ज दाताओं को लूटने पर सांसद जलील ने चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से उसे जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी कर्ज अदा करना ही होगा। रेपो रेट बढ़ने को लेकर कर्ज के अदायगी के विस्तृत आंकड़े संसद में पेश कर सांसद जलील ने  केंद्र की मोदी सरकार पर जादू का खेल खेलने का आरोप लगाया। 

    ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में निर्माण की जाए बेहतर सुविधाएं 

    उन्होंने देश भर में केंद्र सरकार द्वारा खोले जाने वाले 14 हजार 522 पीएमश्री स्कूल के निर्माण पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषद स्कूलों की हालत काफी खस्ता है, अकेले औरंगाबाद जिले में 1600 स्कूलों की अवस्था दयनीय है। आज भी उन स्कूलों की इमारते बेहतर है, और ना ही वहां शिक्षा हासिल करने वाले गरीब, किसान और मजदूरों के छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए कोई बेहतर सुविधाएं उपलब्ध है। पहले इन स्कूलों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए, उसके बाद पीएमश्री स्कूलों का निर्माण करने की मांग सांसद जलील ने संसद में की। 

    अल्पसंख्यक समुदाय के उन्नति के लिए बजट में 38 प्रतिशत कमी 

    सांसद जलील ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा नए आर्थिक वर्ष के लिए संसद में पेश किए गए बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के उन्नति के लिए बजट में की गई राशि के प्रावधान में 38 प्रतिशत कमी पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि सन 2012-13 में जितना बजट तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा रखा गया था, उतनी ही रकम नए आर्थिक वर्ष के बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के उन्नति के लिए रखी गई है। जलील ने बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बजट में कम प्रावधान करने पर सरकार को घेरते हुए कहा कि हम तो फूल थे, आप ने बजट में कम प्रावधान कर हमें कांटे बना दिया। जलील ने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बजट में कम प्रावधान कर इस समाज को देश के तरक्की से दूर रख रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश बढ़ेगा और वहीं दूसरी तरफ अल्पसंख्यक समुदाय पिछड़ा रहेगा।