5 मर्डर के 3 फरार आरोपियों को 29 साल बाद पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

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  • 27 माह से क्राइम ब्रांच यूनिट-1 और यूपी एसटीएफ कर रही थी तलाश
  • 29 साल फरार रहने के बावजूद पुलिस की गिरफ्त से नहीं बचे बदमाश
मीरारोड: मुंबई से सटे मीरारोड (Miraroad) इलाके में हुए 5 मर्डर के 3 आरोपी 29 साल (29 Years) से फरार थे, लेकिन पुलिस आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। काशीमीरा क्राईम ब्रांच यूनिट- 1 की पुलिस टीम ने उत्तरप्रदेश की वाराणसी एसटीएफ टीम के साथ संयुक्त अभियान में वाराणसी के सारनाथ स्थित सारंगनाथ मंदिर के पास से इन्हे गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम अनिल सरोज (Anil Saroj ) उर्फ विजय राम अवध और सुनील सरोज (Sunil Saroj) उर्फ संजय राम अवध है। दोनो सगे भाई हैं और दोनो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) केराकत जनपद, जिला जौनपुर के मूल निवासी हैं। 
 
हत्याकांड का एक आरोपी राजकुमार अमरनाथ चौहान उर्फ काल्या को दिसंबर 2022 में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से क्राइम ब्रांच ने ही गिरफ्तार किया गया था। हत्या के आरोपीयों ने 1994 में एक महिला सहित उसके चार बच्चों (Woman and 4 children) की नृशंस हत्या (Murder) कर दी थी। तब से सभी आरोपी फरार थे।
 
 
इस हत्याकांड के 27 वर्ष बाद मीरा -भायंदर,वसई – विरार पुलिस आयुक्तालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्मम और जघन्य हत्याकांड के अनसुलझे मामले और लंबे समय से फरार आरोपियों की तलाश कर उन्हें पकड़ने का जिम्मा काशीमीरा क्राइम ब्रांच यूनिट -1 के पुलिस निरीक्षक अविराज कुराडे़ और उनकी टीम को सौंपा था।
 
जून 2021 में क्राइम ब्रांच की टीम 20 दिन यूपी में की आरोपियों की तलाश
इस हत्याकांड के 3 आरोपियों की तलाश में क्राईम ब्रांच की टीम जून 2021 में यूपी रवाना हुई थी। जहां लगातार 20 दिन तक रहकर वाराणसी एसटीएफ की मदद से आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की थी, लेकिन उस समय क्राइम ब्रांच को सफलता नही मिली थी। तबसे काशीमीरा क्राइम ब्रांच यूनिट -1 ,वाराणसी एसटीएफ के संपर्क में थी।
 
नाम बदल कर रहने की मिली जानकारी
इसी दौरान क्राइम ब्रांच की टीम को जानकारी मिली की आरोपी यूपी के जौनपुर जिला अंतर्गत किराकत तहसील के सोहनी गांव में अपने एक रिश्तेदार के यहां नाम, वेश भूषा बदल कर रह रहे हैं। जहां अनिल उर्फ विजय भूत भगाने, शराब छुड़ाने आदि तांत्रिक कार्य कर रहा था। उसे लोग विजय महाराज बुलाते थे। वाराणसी एसटीएफ की टीम और काशीमीरा क्राइम ब्रांच यूनिट-1 ने उसकी शिनाख्त  कर अनिल सरोज (48) और सुनील सरोज (47) को 7 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया। 
 
पहचान छुपाकर करते रहा विभिन्न शहरों में नौकरी
गिरफ्तार आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वे दिल्ली, हरियाणा,पंजाब और अन्य शहरों में अपना असली नाम और पहचान छुपाकर नौकरी कर रहे थे। उन्होंने अपने मूल गांव जाना बंद कर दिया था और अपने मौसी के यहां यूपी के जौनपुर जिला अंतर्गत किराकत तहसील के सोहनी गांव में रहते थे। उन्होंने अपने बदली किए हुए नाम से आधार कार्ड राशन कार्ड बनवाकर मतदाता सूची में भी अपना नाम दर्ज करा लिया था। 
 
इन हत्यारोपियों को पकड़ने के लिए डीसीपी (क्राइम) अविनाश अंबुरे, सहायक पुलिस आयुक्त अपराध अमोल मांडवे के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच यूनिट- 1, काशीमीरा के पुलिस निरीक्षक अविराज कुराड़े, सहायक पुलिस निरीक्षक कैलाश टोकले प्रशांत गांगुर्दे, पुष्पराज सुर्वे, फौजदार राजू तांबे, संदीप शिंदे, हवलदार अविनाश गर्जे, संजय शिंदे, संतोष लांगड़े, पुष्पेंद्र थापा, विजय गायकवाड, सचिन हुले आदि की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।