Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation Commissioner Rajesh Patil

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    पिंपरी. बेवजह विकास कामों का खर्च बढ़ने और उसके पूर्णत्व में देरी होने की सूरत में अब सलाहकारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के कमिश्नर राजेश पाटिल (Commissioner Rajesh Patil) ने इस बारे में चेतावनी दी है कि विकास परियोजनाओं (Development Projects) की लागत बढ़ने, पूरा होने में देरी और गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखे जाने पर संबंधित सलाहकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें ब्लैक लिस्ट (black List) में शामिल करने के अलावा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी महानगरपालिका कमिश्नर ने दी है।

    महानगरपालिका की सत्ता में आने के बाद भाजपा ने शहर के हर विकास कार्य के लिए सलाहकार और आर्किटेक्ट नियुक्त करने का लंबा सिलसिला शुरू किया है। इस पर विपक्ष और सामाजिक संस्थाओं द्वारा कड़ी आपत्ति जताई गई। खुद सत्तादल भाजपा के विधायक लक्ष्मण जगताप ने भी इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सलाहकारों की नियुक्ति पर लगाम कसने की मांग की थी। हालांकि महानगरपालिका में भाजपा के पदाधिकारी और प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। मगर अब महानगरपालिका  कमिश्नर राजेश पाटिल की चेतावनी के बाद इस मनमानी को चुनौती मिली है।

    महानगरपालिका कमिश्नर ने जारी किया परिपत्र

     इस संबंध में महानगरपालिका कमिश्नर ने सभी विभाग प्रमुखों को एक परिपत्र जारी किया है। पिछले कुछ सालों से मनपा में छोटे-मोटे विकास कार्यों के लिए भी सलाहकार नियुक्त करने की प्रथा शुरू हो गई है। महानगरपालिका के इंजीनियरों को मोटे वेतन और भत्ते देने के बावजूद स्मशानभूमि का कंस्ट्रक्शन, मूर्तियों के सौंदर्यीकरण, फुटपाथ और फर्नीचर स्थापित करने जैसे मामूली कार्यों के लिए भी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सलाहकारों को नियुक्त करने का दौर शुरू है। स्थायी समिति द्वारा सलाहकार और आर्किटेक्ट नियुक्त करने के ऐन मौके पर पेश किए गए प्रस्ताव बिना किसी चर्चा के मंजूर किए जाते हैं। इससे सलाहकारों की बहुतायत हो गई है और इन सलाहकारों पर प्रोजेक्ट की लागत की दो से तीन प्रतिशत राशि खर्च की जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर महानगरपालिका कमिश्नर ने सलाहकारों और वास्तुकारों के पुराने पैनल को रद्द कर दिया है।

    दंडात्मक कार्रवाई भी संभव

    महानगरपालिका की सीमा के भीतर सिविल, बिजली, जल आपूर्ति, जल निकासी, पर्यावरण, प्रधानमंत्री आवास योजना, सस्ते घर, बीआरटीएस, गार्डन आदि विभागों की ओर से विकास कार्यों के लिए प्रोजेक्ट सलाहकारों की नियुक्ति की जाती है। ऑन-साइट निरीक्षण कर प्लान तैयार करना, विभिन्न विभागों से एनओसी प्राप्त करना, मानचित्र और बजट बनाना, प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन, निविदा से संबंधित कार्य करना, विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करना, ठेकेदार के कार्यों की निगरानी करना, कार्य की क्वालिटी जांच करना आदि कामों का समावेश प्रोजेक्ट सलाहकारों के कार्यों में हैं। इसके बावजूद परियोजना की लागत बढ़ने, उसकी गुणवत्ता को नजरअंदाज करने, पूरा करने में देरी होने जैसी बातें सामने आ रही है। इसे महानगरपालिका के हितों के लिए बाधक बताकर भविष्य में सलाहकारों की ऐसी घटनाएं सामने आईं तो उनके खिलाफ दंडात्मक और कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी महानगरपालिका कमिश्नर ने दी है।