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  • बीएसयूपी में बने मकानों पर भू- माफियाओं का कब्जा
  • पहले से घरों को कब्जाए लोगों ने लाभार्थियों को भगाया 
  • घरों पर वास्तविक कब्जा दिलाने की प्रशासन के सामने चुनौती 
कल्याण: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में कल्याण डोंबिवली मनपा ने हाल ही में रिंग रूट में प्रभावित मकान धारकों की मौजूदगी में 10 लाभार्थियों को बीएसयूपी और शेष 451 लाभार्थियों को लॉटरी के माध्यम से बीएसयूपी में बने भवनों को देने की घोषणा कर चाबियां वितरित की थी और इंदिरा नगर, उंबरडे, नेतेवली, गजबंधन पार्थली, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर नगर डोंबिवली में फ्लैट दिए गए, लेकिन इन प्रभावित लाभार्थी को घर नहीं मिला। इनके इंतजार का कोई अंत नहीं दिख रहा है। नेतीवली कचोरे में इमारत की खराब स्थिति को देखते हुए, 7 मंजिला इमारत में कोई लिफ्ट नहीं है और दरवाजे और खिड़कियों की खराब स्थिति के कारण, लाभार्थी के सामने यह सवाल है कि इस इमारत की मरम्मत कब और कौन करेगा, वहीं कुछ मकानों पर पहले से कब्जा किए हुए लोगों ने लाभार्थियों को घर नहीं दिया और भगा दिया। 
 
चाबी मिली पर नहीं मिला घर 
कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका ने क्षेत्र में स्थापित ‘शहरी गरीबों के लिए बुनियादी सेवाएं’ के तहत बीएसयूपी के घर बनाए थे, मूल स्लम लाभार्थियों को फ्लैट आवंटित करने और शेष फ्लैट महानगर पालिका की विभिन्न विकास परियोजना पीड़ितों को देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से मंजूरी लेने का निर्णय लिया गया, लेकिन प्रोजेक्ट से प्रभावित फ्लैटों की चाबियां मिलने के बाद भी घर में रहने का सपना पूरा नहीं हो रहा है और वनवास खत्म होने का वक्त नहीं ले रहा है। 
 
 
वास्तविक मकान धारकों के मकान पर अवैध कब्जा  
बीएसयूपी योजना के तहत लाभार्थी के रूप में सरकारी मकान मिलने के बाद भी उनमें से कईयों ने यहां की इमारतों में चार-पांच मकानों पर कब्जा कर लिया है, इस तरह पूरी बिल्डिंग पर इन माफियाओं का कब्जा हो गया है। दूसरी ओर कुछ उनके नेता हैं जो यह कहकर उन्हें सशक्त बना रहे हैं कि ‘आपको इन घरों से कोई नहीं निकाल सकता’ ऐसे में अब परियोजना प्रभावित जिन लोगों को कागजों में उनके मकानों का कब्जा दे दिया गया है, उनके सामने प्रशासन के समक्ष मकानों का वास्तविक कब्जा दिलाने की चुनौती खड़ी हो गई है। 
 
मकान टूट गए पर अब तक नहीं मिला घर 
शहर में झुग्गियों को तोड़कर उनकी जगह सुसज्जित इमारतें खड़ी करने के बाद प्रभावित लोगों के लिए कल्याण-डोंबिवली मनपा क्षेत्र में ‘बीएसयूपी’ योजना लागू की गई, इससे शुरू में तय किए गए मकानों की संख्या धीरे-धीरे कम होती गई और वर्तमान में प्रशासन ने 7,272 मकान पूरे कर लिए हैं। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लगभग 1,500 से 1,800 लाभार्थियों को मकान आवंटित किए गए हैं, लेकिन शेष नागरिक अपने निवास का प्रमाण नहीं दे पाए हैं, इसके चलते उनका नाम लाभार्थी सूची से हटा दिया गया है और उन्हें ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, ये नागरिक आवास के लिए मनपा में चक्कर लगा रहे हैं। 
 
अवैध कब्जेदारों ने हड़प लिए मकान 
राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत बनाए गए खाली मकानों को परियोजना प्रभावितों को मुफ्त में देने का निर्णय लेने के बाद संपत्ति विभाग इस आदेश को लागू कर रहा है, इस योजना के मकानों की चाबियां हाल ही में मुख्यमंत्री ने रिंग रूट सहित 29 साल से इंतजार कर रहे प्रभावितों को सौंपी थीं। परियोजना प्रभावितों को दिए गए मकानों का उपयोग पिछले कई वर्षों से बिना अनुमति के किया जा रहा है, इन मकानों पर कई भू-माफियाओं ने परस्पर कब्जा कर लिया है। अंबेडकरनगर, पाथरली, डोंबिवली पूर्व में ‘बीएसयूपी’ योजना के तहत अधिकांश घर इसी तरह से हड़प लिए गए हैं। 
 
घर का इंतज़ार नहीं हो रहा ख़त्म 
सड़क कार्य के लिए मकान छोड़े जाने के बाद मकान का इंतजार कर रहे परियोजना पीड़ितों को मकान की चाबियां मिलते ही वे खुशी-खुशी मकान पर कब्जा लेने पहुंच गए, लेकिन इन मकानों पर पहले से ही कब्जा होने से नागरिकों के पैरों तले जमीन खिसक गई। इसकी शिकायत मनपा प्रशासन से करने पर प्रशासन ने जबरन कब्जा किये गये मकानों को खाली कराने का आश्वासन दिया गया है। बहरहाल यह तो तय है कि प्रशासन को वर्षों से मकान पर काबिज लोगों को मकानों से बेदखल करने के लिए ‘बल’ का प्रयोग करना होगा। इस बारे में  बीएसयूपी की कार्यकारी अभियंता रोहिणी लोकरे के अनुसार बीएसयूपी भवन के फ्लैटों की मरम्मत के लिए उन्होंने निविदाएं जारी की हैं, जबकि इस बात की भी पुष्टि की गई है कि बीएसयूपी के तहत बने फ्लैटों पर घुसपैठियों का कब्जा है।