1. विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019-
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन IAAF (International Association of Athletics Federations) द्वारा किया जाता है। इस वर्ष विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन 27 सितम्बर से 6 अक्टूबर, 2019 के दौरान क़तर के दोहा में किया गया। इस चैंपियनशिप में 209 देशों के एथलीट्स ने 49 से अधिक इवेंट्स में हिस्सा लिया।
पहले इस इवेंट को वर्ल्ड चैंपियनशिप इन एथलेटिक्स के नाम से जाना जाता था। इस वर्ष इस इवेंट में कई रिकॉर्ड तोड़े गये, नोह लायल्स और निकलस कॉल ने डेकथ्लॉन ने स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे युवा एथलीट बने। अमेरिका ने इस इवेंट में सबसे अधिक स्वर्ण पदक जीते। भारत 100 मीटर में 7वें स्थान पर, 400 मीटर में 6वें स्थान पर, 200 मीटर में आठवें स्थान पर रहा।
2. केंद्र सरकार ने लांच की जैमिनी डिवाइस-
भारत सरकार ने जैमिनी नामक डिवाइस लांच की है, इसके द्वारा आपदा चेतावनी की जानकारी मिलेगी। इस डिवाइस को विशेष रूप से मछुआरों के लिए बनाया गया है, इसके द्वारा मछुआरों को तट से 10-12 किलोमीटर दूर होने पर किसी आपदा की जानकारी दी जा सकती है।
जैमिनी डिवाइस: जैमिनी डिवाइस का पूरा नाम Gagan Enabled Mariner’s Instrument for Navigation and Information (GEMINI) है। इस डिवाइस के द्वारा आपातकालीन स्थिति, आपदा चेतावनी, संभावित फिशिंग जोन इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
गगन: गगन (GAGAN) का पूरा नाम GPS Aided Geo Augmented Navigation है। यह देश में सैटेलाइट बेस्ड नेविगेशन की दिशा में भारत सरकार के एक महत्वपूर्ण कदम है। GSAT-8 तथा GSAT-10 उपग्रहों में 10 GAGAN पेलोड्स हैं।
GAGAN ऑस्ट्रेलिया से लेकर अफ्रीका तक के पूरे क्षेत्र को कवर करता है। इसके अलावा यह भारतीय क्षेत्र के ऊपर आयनमंडल का अध्ययन भी करता है।
3. ध्रुव – प्रधानमंत्री इनोवेटिव लर्निंग कार्यक्रम-
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इसरो से ध्रुव, प्रधानमंत्री इनोवेटिव लर्निंग प्रोग्राम (PMLIP) को लांच करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को उनकी पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है तथा समाज में उनका योगदान सुनिश्चित करना है।
मुख्य बिंदु: इस कार्यक्रम का नाम ध्रुव तारे पर रखा गया है। इस कार्य्रकम के तहत मुख्य रूप से दो क्षेत्रों विज्ञान तथा कला को कवर किया गया है। इस कार्यक्रम को इसरो से लांच किया जायेगा। देश भर से इस कार्यक्रम के लिए कक्षा 9 से कक्षा 12 के 60 छात्रों को चुना गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
4. प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह के सम्मान में डाक टिकट जारी किया-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह के सम्मान में डाक टिकट जारी किया। इसे वायुसेना के ‘एट होम’ कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली में जारी किया गया।
अर्जन सिंह: 15 अप्रैल, 1919 में अर्जन सिंह का जन्म लायलपुर (अब फैसलाबाद, पाकिस्तान) में हुआ था, उनका निधन 16 सितम्बर, 2017 को नई दिल्ली में हुआ था।
वायुसेना करियर: उन्हें 19 वर्ष की आयु में रॉयल एयर फ़ोर्स के एम्पायर पायलट प्रशिक्षण कोर्स के लिए चुना गया था। उन्होंने 15 अगस्त, 1947 को दिल्ली में लाल किले के ऊपर से एक सौ से अधिक विमानों के फ्लाई-पास्ट का नेतृत्व किया था। वे अगस्त, 1964 से 1969 तक वायुसेना प्रमुख रहे। 1966 में वे एयर चीफ मार्शल का रैंक प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बने थे। 1965 के भारत-पाक युद्ध में उन्होंने भारतीय वायुसेना का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने वायुसेना का ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम लांच किया था, इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के महत्वपूर्ण नगर अखनूर को निशाना बनाया गया था। अर्जन सिंह अगस्त, 1969 को भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने स्विट्ज़रलैंड में भारत के एम्बेसडर के रूप में कार्य किया। 1989-90 के दौरान उन्होंने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में कार्य किया।
पुरस्कार व सम्मान: भारत सरकार ने 2002 में उन्हें ‘मार्शल ऑफ़ द इंडियन एयरफ़ोर्स’ का रैंक प्रदान किया था। वे प्रथम तथा एकमात्र ‘फाइव स्टार’ रैंक के वायुसेना अधिकारी थे। उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उनके सम्मान में केंद्र सरकार ने 2016 में पश्चिम बंगाल के पानागढ़ एयर फ़ोर्स बेस का नाम बदलकर ‘एयर फ़ोर्स स्टेशन अर्जन सिंह ‘कर दिया था।
5. विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह का समापन हुआ-
10 अक्टूबर को विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह का समापन हुआ, यह इवेंट 4 अक्टूबर को शुरू हुआ था। विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह अन्तरिक्ष से सम्बंधित सबसे बड़ा इवेंट है, इसमें 80 से अधिक देशों ने हिस्सा लिया। इसकी थीम ‘चन्द्रमा :सितारों का द्वार’ है। विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह को 4 अक्टूबर, 1957 को लांच किया गया था। इस दिन प्रथम मानव निर्मित उपग्रह स्पुतनिक 1 को लांच किय गया था।
इतिहास: विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह संघ ने 1980 में विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह के समन्वय का कार्य शुरू किया। स्पेस वीक के मुख्यालय की स्थापना अमेरिका में की गयी थी। 1999 के बाद विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह का समन्वय संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया जाने लगा।
स्पुतनिक: स्पुतनिक मानव निर्मित पहला उपग्रह था, इसके 1957 में अन्तरिक्ष में लांच किया गया था। इस उपग्रह को सोवियत संघ ने लांच किया था। यह उपग्रह पृथ्वी की निम्न कक्षा में परिक्रमा करता था। तीन सप्ताह के बाद इस उपग्रह की बैटरी ने काम करना बंद कर दिया था और यह उपग्रह निष्क्रिय हो गया था। इसके बाद सोवियत संघ और अमेरिका के बीच शीतयुद्ध काल में अन्तरिक्ष की दौड़ शुरू हुई।
6. केन्द्रीय कौशल विकास व उद्यमशीलता मंत्रालय ने आईआईएम बंगलुरु के साथ महात्मा गाँधी नेशनल फ़ेलोशिप प्रोग्राम लांच किया-
हाल ही में केन्द्रीय कौशल विकास व उद्यमशीलता मंत्रालय ने आईआईएम बंगलुरु के साथ महात्मा गाँधी नेशनल फ़ेलोशिप प्रोग्राम लांच किया। यह कार्यक्रम दो वर्षीय होगा। यह जिला स्तर पर कौशल विकास के लिए आवश्यक है।
महात्मा गाँधी नेशनल फ़ेलोशिप प्रोग्राम: इस कार्यक्रम को केन्द्रीय कौशल विकास तथा उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय के नेतृत्व में तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम को Skills Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion (SANKALP) कार्यक्रम के तहत डिजाईन किया गया है।
उद्देश्य: राष्ट्रीय, राज्य तथा जिला स्टार पर विभिन्न कार्यक्रमों के लिए आवश्यक कर्मचारियों की कमी की समस्या को दूर करना। युवाओं का एक प्रशिक्षण प्राप्त कैडर तैयार करना।
कोर्स की विशेषताएं: इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन के साथ ऑन-ग्राउंड प्रैक्टिकल अनुभव भी मिलेगा। इस कार्यक्रम को गुजरात, मेघालय, उत्तराखंड, कर्नाटक, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में पायलट बेसिस पर लांच किया गया है।
योग्यता: इस कार्यक्रम का लाभ 21-30 आयुवर्ग के लोग उठा सकते हैं, लाभार्थी के पास भारत की नागरिकता होनी चाहिए। लाभार्थी के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा जिस राज्य में लाभार्थी को फील्डवर्क कार्य करना है, लाभार्थी को उस राज्य की आधिकारिक भाषा का ज्ञान होना चाहिए।
7. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : 10 अक्टूबर-
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग किया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य विश्व भर में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ तथा United for Global Mental Health मिलकर कार्य कर रहे हैं।
थीम: आत्महत्या रोकथाम
इस वर्ष की थीम के द्वारा आत्महत्या रोकथाम पर फोकस किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक 40 सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु आत्महत्या के कारण होती है।
महत्व: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अन्सुआर प्रतिवर्ष विश्व भर में लगभग 8 लाख लोगों की मौत आत्महत्या के कारण होती है। इसमें से 79% आत्महत्या की घटनाएँ मध्यम आय-वर्गीय देशों में होती हैं। आत्महत्या में मरने वाले अधिकतर लोग 15 से 29 आयुवर्ग के होते हैं। आत्महत्या इस आयुवर्ग में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
भारत में आत्महत्याएं: लांसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल के मुताबिक 2018 में भारत में आत्महत्या के कारण 2.30 लाख मौतें हुईं। गौरतलब है कि भारत में अभी भी आत्महत्या की रोकथाम के लिए कोई मज़बूत नीति नहीं है। 1990 में चीन में आत्महत्या की दर सबसे अधिक थी। चीन सरकार द्वारा कीटनाशक की पहुँच सीमित किये जाने के बाद आत्महत्या की दर में काफी कमी दर्ज की गयी थी।