By नवभारत | Updated Date: Oct 16 2019 11:53PM |
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नई दिल्ली/मुंबई. शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर औपचारिक सहमति बनने के बाद भी वे कुछ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. कोंकण रीजन की कणकवली विधानसभा सीट पर शिवसेना और बीजेपी के स्टार प्रचारक अपने-अपने उम्मीदवार के लिए वोट मांग रहे हैं. इस सीट पर नारायण राणे के बेटे नितेश राणे बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं तो शिवसेना ने भी यहां पर अपना उम्मीदवार उतार दिया है. बुधवार को यहां पर शिवसेना उम्मीदवार सतीश सावंत के प्रचार के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक चुनावी रैली की.
उद्धव ठाकरे इस रैली में नारायण राणे और उनके परिवार पर जमकर बरसे. उद्धव ठाकरे ने कहा, 'गठबंधन में होते हुए भी यहां पर शिवसेना उम्मीदवार को जिताने आया हूं. इसका मतलब ये नहीं कि बीजेपी से हमारा झगड़ा है. शिवसेना से नारायण राणे को निकाला गया था. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को मैं ये याद दिलाना चाहता हूं, जब राणे कांग्रेस में गए तब मैंने सोनिया गांधी को भी शुभकामनाएं दी थीं. वैसे ही शुभकामनाएं मैं अब बीजेपी को भी देता हूं.'
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को सलाह देते हुए कहा, 'राणे एक मायावी आदमी है. बीजेपी को 5 साल रुकना चाहिए था. मैं बीजेपी की भलाई के लिए यहां आया हूं. आपके पार्टी में ऐसे लोग ना रहें. आज अगर कोई खुश होगा तो स्वाभिमानी शब्द. क्योंकि सही मायनों में स्वाभिमान का छुटकारा हुआ है. मेरे दोस्तों बीजेपी का नुकसान ना हो इसीलिए यहां से सेना का उम्मीदवार जीते. सेना उम्मीदवार जीतने से बीजेपी का भला होगा. अगर किसी ने चुनावों में दादागिरी की तो उन्हें हम तोड़ देंगे
बता दें कि राणे ने स्वाभिमान पक्ष नाम की एक पार्टी बनाई थी, जिसका बीजेपी में विलय किया गया है. शिवसेना ने कोंकण एरिया में राणे परिवार को धूल चटाने के इरादे से अपना कैंडिडेट उतारा है, ताकि दोनों की हार सुनिश्चित हो सके. दरअसल नितेश राणे के पिता साल 2005 से पहले शिवसैनिक थे और उद्धव ठाकरे से हुई अनबन की वजह से उन्हें शिवसेना छोड़कर कांग्रेस की शरण में जाना पड़ा था.
कहा जाता है कि दोनों की अदावत पुरानी है, जिसके चलते शिवसेना बीजेपी द्वारा नारायण राणे के पुत्र को टिकट दिए जाने का खुलकर विरोध कर रही है. वहीं नारायण राणे बीजेपी से राज्यसभा के सदस्य हैं और कोंकण रीजन में बीजेपी को मजबूत बनाने में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है.