By नवभारत | Updated Date: Nov 8 2019 6:04PM |
12

इस्लामाबाद. पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को विपक्षी नेताओं और मौलाना फजलुर रहमान से धरना प्रदर्शन खत्म करने का आह्वान किया. वहीं, पाकिस्तान के फायरब्रांड मौलाना एवं जमीय उलेमा-ए-इस्लाम के नेता फजलुर रहमान ने इमरान खान से दो टूक कह दिया है कि वह इस्तीफा दें और घर जाएं. अब बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं बची है. उन्होंने धरने पर बैठे आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी प्रतिनिधिमंडल को बिना सार्थक एजेंडे के बातचीत नहीं करनी चाहिए. यदि प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए आना है तो सबसे पहले उसे प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगना चाहिए.
मौलाना ने सेना के उस बयान का भी स्वागत किया, जिसमें सेना के डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि सेना आम चुनाव और दूसरे सियासी मसलों पर निष्पक्ष है. उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि सेना इमरान खान की अगुआई वाली सरकार और विपक्ष के बीच आजादी मार्च खत्म करने के लिए मध्यस्थता नहीं करेगी. आजादी मार्च एक राजनीतिक गतिविधि है और सेना का इससे कोई लेना-देना नहीं है. गफूर ने कहा कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा संबंधी मामलों में व्यस्त हैं और इन्हीं आरोपों का जवाब देना चाहते हैं.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सरकार और विपक्षी नेताओं के बीच दूसरे दौर की बातचीत फेल हो गई थी. हालांकि, इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने इस्तीफे को छोड़कर आजादी मार्च की सारी मांगें मान ली थीं. वहीं आजादी मार्च में शामिल प्रदर्शनकारी इमरान के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं और उनका आठवें दिन भी धरना जारी रहा. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वर्ष 2018 के आम चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी. मौलाना ने साफ कर दिया है कि इमरान खान के पद छोड़ने तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा.
उधर, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री आजादी मार्च खत्म कराने को लेकर तमाम उपायों को आजमा रहे हैं. एक ओर वह बातचीत की पेशकश कर रहे हैं, दूसरी ओर चुनावी धांधली की जांच का भरोसा दे रहे हैं. बावजूद इसके मौलाना इमरान के किसी फेर में उलझना नहीं चाहते हैं. विपक्षी दल भी मौलाना के साथ ताल से ताल मिलाते नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान में जुलाई 2018 में हुए चुनाव में कथित धांधली की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन के लिए पीएम इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के प्रस्ताव को विपक्षी दलों ने खारिज कर दिया. दूसरी ओर मौलाना ने कहा है कि हम आयोग के गठन के लिए हर प्रस्ताव को खारिज करते हैं.