By नवभारत | Updated Date: Jun 25 2019 10:12PM |
8

चंद्रपुर. महाराष्ट्र राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने यहां कहा कि सरकार हाजियों को पैसा देती है यह कांग्रेस सरकार के समय से फैलाया हुआ भ्रम है, सरकारी खर्च पर हज किया जाना हाजियों पर कलंक की तरह है. जबकि सच्चाई तो यह है कि हर हाजी सरकार को कर अदा कर अपने मेहनत से कमाए हुए पैसों से हज करता है. सरकार की ओर से आज तक एक रूपये भी हाजियों को नहीं दिया गया है.
समस्याएं सुलझाने के प्रयास
सिद्दीकी ने कहा कि हाजियों को सब्सिडी के नाम पर कांग्रेस के कार्यकाल में एयरलाइन्स को फायदा पहुंचाया जाता था. मोदी सरकार ने इस तरह की व्यवस्था को भंग कर हाजियों की पवित्र हज यात्रा को और सस्ती और सुलभ करने के प्रयास किए है और आगे भी इसी दिशा में हाजियों को सम्पूर्ण सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए प्रयास किए जाएंगे जिसमें हर जिले में हज कमेटी का गठन, हाजियों के लिए टोल फ्री नंबर, पवित्र मक्का शहर में महाराष्ट्र भवन की व्यवस्था, प्रायवेट टूर एन्ड ट्रैवल्स की मनमानी और धोखाधड़ी रोकने के लिए पोर्टल, पानी के जहाज से हज यात्रा से लेकर हज यात्रा के अलावा भी हज कमेटी द्वारा मुस्लिम समाज के और अन्य समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयासरत है.
कमेटी में होंगे 11 सदस्य
उन्होने बताया कि महाराष्ट्र से हज के लिए गये हाजियों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो इसके लिए महाराष्ट्र सरकार टोल फ्री नंबर हर हाजी को देंगी. पहले हाजियों को एनजीओ के माध्यम से प्रशिक्षण और मार्गदर्शन किया जाता था परंतु अब महाराष्ट्र हज कमेटी हर जिले में एक जिला हज कमेटी का गठन करेंगी जिसमें 11 सदस्य होगे, इसके साथ हाजी दोस्त योजना के तहत 25 लोगों को शामिल किया जाएगा. जो हज यात्रा के लिए आवेदन करने से लेकर सम्पूर्ण हज यात्रा तक हाजियों का मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देंगे. इनमें एनजीओ के सदस्यों को शामिल किया जाएगा.
चंद्रपुर से 65 लोगों को मौका
सिद्दीकी ने आगे बताया कि वर्ष 2018 में 1.75 लाख लोग हजयात्रा पर गए थे इस वर्ष दो लाख लोग जाएंगे. राज्य से 55,700 लोगों ने हज यात्रा के लिए निवेदन किया था जिससे में 14,695 लोगों को हज यात्रा का मौका मिला है. महाराष्ट्र देश का दूसरा राज्य है. चंद्रपुर जिले से 92 लोगों ने आवेदन किया था जिसमें से 65 लोगों को हज यात्रा के लिए मौका मिला है.
सिद्दीकी ने आगे बताया कि हज कमेटी न केवल हज यात्रियों बल्कि उमराह के लिए जाने वाले यात्रियों को सुविधा प्रदान के लिए प्रयासरत है. वर्तमान में 70 प्रश यात्री हज कमेटी के माध्यम से और 30 प्रश हजयात्री निजी टूर्स एंड ट्रैवल्स के माध्यम से हज यात्रा पर जाते हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि निजी टूर्स एन्ड ट्रैवल्स की मनमानी और धोखाधड़ी को देखते हुए उनका कोटा केवल 10 प्रश ही रखा जाए. इसी तरह हज और उमराह को जानेवाले यात्री निजी टूर्स एंड ट्रैवल्स की आर्थिक लूट या धोखाधड़ी का शिकार न हो इसके लिए सरकार ने एक पोर्टल बनाया है जिसमें सभी पंजीकृत टूर्स एंड ट्रैवल्स की जानकारी और उनके रेट दिए गए हैं. नियमों का उल्लंघन करने वाली ट्रैवल्स कंपनियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. उन्होने कहा कि हज कमेटी के पास करोड़ों रु. हाजियों के कर के रूप में मौजूद है इसका सदुपयोग हो और हजयात्रियों को इसका फायदा पहुंचे इसके प्रयास वे कर रहे हैं.